उल्टा चश्मा
आजकल लोगों ने खिड़कियाों को दिमाग की बंद कर लिया हैं
और खुद को उत्तर या दक्षिण पंथ से ......प्रतिबद्ध कर लिया है
नहीं रहे खुले मन से सोचने वाले ..................सब पूर्वाग्रहित हैं
सीधा किसी को दिखता ही नहीं ......चश्मा उल्टा लगा लिया है
-विनोद ‘व्याकुल’
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