रविवार, 15 मई 2016

उल्टा चश्मा



उल्टा चश्मा
 
 
आजकल लोगों ने खिड़कियाों को दिमाग की बंद कर लिया हैं

और खुद को उत्तर या दक्षिण पंथ से ......प्रतिबद्ध कर लिया है

नहीं रहे खुले मन से सोचने वाले ..................सब पूर्वाग्रहित हैं

सीधा किसी को दिखता ही नहीं ......चश्मा उल्टा लगा लिया है

-विनोद ‘व्याकुल’

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें