सोमवार, 4 मई 2015

आओ करें तदबीर नई

छोड़ कर मायूसी को आओ करें तदबीर नई

वक्त के कागज़ पर आओ लिखें तहरीर नई


खुद कुछ नहीं होगा करने से सूरत बदलेगी


हाथों में अपने ब्रश उठालो बनाएं तस्वीर नई


अमन चैन तभी लौटेगा जब नफरत मिटेगी


दिलों से मैल निकालो आओ करें तक़रीर नई


कठमुल्लाओं से निजात पाओ कौम आगे बढ़े


आजाद बंदिशों से हो जाओ चलाएँ तहरीक नई


कैसे भी इबादत करो मजहब रुकवट नहीं बने


‘व्याकुल’ हिंदुस्तान की लो बनाएं तकदीर नई

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