निगाहों से यूँ कत्ल करने वाले
जालिम बड़े हैं ये तड़पाने वाले
गुमां नहीं होता दिल खोने का
जादूगर होते हैं दिल चुराने वाले
मीठी बातों से मन को लुभाते हैं
दिल पर फिर छुरी चलाने वाले
सपने इस कदर रंगीन दिखाते हैं
हो जाते गुलाम दिल लुटाने वाले
इन हसीनों से अब कौन बचाए
बेदर्द बड़े हैं बिजली गिराने वाले
कोई रास्ता नहीं बचा है ‘व्याकुल’
बेहतर यही है हो जा इनके हवाले
-विनोद शर्मा ‘व्याकुल’
जालिम बड़े हैं ये तड़पाने वाले
गुमां नहीं होता दिल खोने का
जादूगर होते हैं दिल चुराने वाले
मीठी बातों से मन को लुभाते हैं
दिल पर फिर छुरी चलाने वाले
सपने इस कदर रंगीन दिखाते हैं
हो जाते गुलाम दिल लुटाने वाले
इन हसीनों से अब कौन बचाए
बेदर्द बड़े हैं बिजली गिराने वाले
कोई रास्ता नहीं बचा है ‘व्याकुल’
बेहतर यही है हो जा इनके हवाले
-विनोद शर्मा ‘व्याकुल’
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