आज अचानक एक हादसा हो गया
घर के रैंप से उतरते हुए पैर फिसल गया
और अपनेराम गिरे धड़ाम से मुँह के बल
दो मिनट तक धरती माँ से किया आलिंगन
इसी समय एक नेक कारवाले ने ब्रेक लगाए
एक सज्जन कार से निकल मेरे करीब आए
सिद्ध हुआ मानवता अभी तक कायम है
जैसे-तैसे उठ कर पाया सज्जन को चिंतित
जो अपनापन उस अपरिचित ने दिखाया
चोट का दर्द कुछ पल को काफूर हुआ
चोट अधिक नहीं उनकोे समझाया
चेहरे पर अगर बाकी हैं चोट के निशान
तो दिल पर छोड़ गया छाप वह इंसान
घर के रैंप से उतरते हुए पैर फिसल गया
और अपनेराम गिरे धड़ाम से मुँह के बल
दो मिनट तक धरती माँ से किया आलिंगन
इसी समय एक नेक कारवाले ने ब्रेक लगाए
एक सज्जन कार से निकल मेरे करीब आए
सिद्ध हुआ मानवता अभी तक कायम है
जैसे-तैसे उठ कर पाया सज्जन को चिंतित
जो अपनापन उस अपरिचित ने दिखाया
चोट का दर्द कुछ पल को काफूर हुआ
चोट अधिक नहीं उनकोे समझाया
चेहरे पर अगर बाकी हैं चोट के निशान
तो दिल पर छोड़ गया छाप वह इंसान
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