सोमवार, 21 जुलाई 2014

चंचल मन

हाइकू – विनोद शर्मा “व्याकुल”
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चंचल मन
उड़ना चाहता है
दूर गगन

मन मयूर
नाचना चाहता है
हो के मगन

देखा तुझे तो
अटकी रह गई
मेरी नजर

तेरे रूप का
जलवा है आँखों में
हर समय

उड़ी दी नींदें
छीन लिया है चैन
दिन बेचैन

होगा मिलन
एक दिन हमारा
मुझे यकीन


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