मंगलवार, 10 अगस्त 2010

क्या क़ीमत है आज़ादी की

क्या क़ीमत है आज़ादी की
हमने कब यह जाना है
अधिकारों की ही चिन्ता है
फर्ज़ कहाँ पहचाना है

आज़ादी का अर्थ हो गया
अब केवल घोटाला है
हमने आज़ादी का मतलब
भ्रष्टाचार निकाला है

आज़ादी में खा जाते हम
पशुओं तक के चारे अब
‘हर्षद’ और ‘हवाला’ हमको
आज़ादी से प्यारे अब

आज़ादी के खेल को खेलो
फ़िक्सिंग वाले बल्लों से
हार के बदले धन पाओगे
‘सटटेबाज़ों’ दल्लों से

आज़ादी में वैमनस्य के
पहलु ख़ूब उभारो तुम
आज़ादी इसको कहते हैं?
अपनों को ही मारो तुम
आज़ादी का मतलब अब तो
द्वेष, घृणा फैलाना है ॥

आज़ादी में काश्मीर की
घाटी पूरी घायल है
लेकिन भारत का हर नेता
शान्ति-सुलह का कायल है
आज़ादी में लाल चौक पर
झण्डे फाड़े जाते हैं
आज़ादी में माँ के तन पर
चाक़ू गाड़े जाते है

आज़ादी में आज हमारा
राष्ट्र गान शर्मिन्दा है
आज़ादी में माँ को गाली
देने वाला ज़िन्दा है

आज़ादी मे धवल हिमालय
हमने काला कर डाला
आज़ादी मे माँ का आँचल
हमने दुख से भर डाला

आज़ादी में कठमुल्लों को
शीश झुकाया जाता है
आज़ादी मे देश-द्रोह का
पर्व मनाया जाता है

आज़ादी में निज गौरव को
कितना और भुलाना है ?

देखो! आज़ादी का मतलब
हिन्दुस्तान हमारा ह

2 टिप्‍पणियां:

  1. Deep thinking andprecisely said. I would spend sometime knowing you better before putting my formal friend request........

    जवाब देंहटाएं


  2. ♥(¯`'•.¸(¯`•*♥♥*•¯)¸.•'´¯)♥
    ♥♥नव वर्ष मंगलमय हो !♥♥
    ♥(_¸.•'´(_•*♥♥*•_)`'• .¸_)♥




    आज़ादी में काश्मीर की
    घाटी पूरी घायल है
    लेकिन भारत का हर नेता
    शान्ति-सुलह का कायल है
    आज़ादी में लाल चौक पर
    झण्डे फाड़े जाते हैं
    आज़ादी में माँ के तन पर
    चाक़ू गाड़े जाते है

    आज़ादी में आज हमारा
    राष्ट्र गान शर्मिन्दा है
    आज़ादी में माँ को गाली
    देने वाला ज़िन्दा है

    आज़ादी मे धवल हिमालय
    हमने काला कर डाला
    आज़ादी मे माँ का आँचल
    हमने दुख से भर डाला

    आज़ादी में कठमुल्लों को
    शीश झुकाया जाता है
    आज़ादी मे देश-द्रोह का
    पर्व मनाया जाता है

    वाह ! वाऽह ! वाऽऽह !
    ओजपूर्ण शब्द !
    ख़ूबसूरत और सार्थक रचना !

    आदरणीय विनोद शर्मा जी
    आपकी इस प्रविष्टि की जितनी प्रशंसा की जाए , कम है …

    ...लेकिन आपने बहुत समय से नई रचना ब्लॉग पर क्यों नहीं लगाई ?
    आशा है सपरिवार स्वस्थ सानंद हैं ।

    नव वर्ष की शुभकामनाओं सहित…
    राजेन्द्र स्वर्णकार
    ◄▼▲▼▲▼▲▼▲▼▲▼▲▼▲▼▲▼▲▼►

    जवाब देंहटाएं