मंगलवार, 10 अगस्त 2010

बदनाम मेरे प्यार का अफसाना हुआ है

बदनाम मेरे प्यार का अफसाना हुआ है
दीवाने भी कहते हैं कि दीवाना हुआ है

रिश्ता था तभी तो किसी बेदर्द ने तोड़ा
अपना था तभी तो कोई बेगाना हुआ है

बादल की तरह आ के बरस जाइये इक दिन
दिल आप के होते हुए वीराना हुआ है

बजते हैं खयालों में तेरी याद के घुंघरू
कुछ दिन से मेरा घर भी परी-खाना हुआ है

मौसम ने बनाया है निगाहों को शराबी
जिस फूल को देखूँ वही पैमाना हुआ है

1 टिप्पणी:




  1. मान्यवर ,
    यह रचना आप ही की लिखी हुई है क्या ?

    इस रचना पर कुछ समय पहले फेसबुक पर बहुत विवाद हुआ था ...




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