मंगलवार, 10 अगस्त 2010

कहने को बहुत कुछ था मगर कह नहीं पाये

कहने को बहुत कुछ था मगर कह नहीं पाये

समझा ना मेरा गम कोई इस बात का गम है
फिर भी मेरे दिल कुछ तो वफाओं की कसम है
आँखों में हों आँसू भी मगर बह नहीं पाये

फूलों से चमन आसमां तारों से भरा है
उम्मीद का दामन मेरा यादों से भरा है
किस्मत ने सितम ऐसे किये सह नहीं पाये

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